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28 May 2016 · 1 min read

साया जो तेरा पड़ जाए

तारीफ तेरे हुश्न की शब्दों में ना समाएगी,
ये हुश्न शब्द शायद तेरे लिए बना होगा ।
साया जो तेरा पड़ जाए गर किसी मरूस्थल में,
तो उस जगह पे फूलों का उपवन घना होगा ।

चेहरे की तेरे तुलना हम चाँद से करे क्या,
जो चाँद दाग वाला और खुद नहीं प्रकाशित है ।
तेरे बदन की तुलना चँदन से हम करें क्या,
ये बदन तेरा रानी अनमोल अपरिभाषित है ।
ना जाने बदन तेरा किस मिट्टी से बना होगा……
साया जो तेरा पड़ जाए…………………………..

चेहरे को अपने ऐसे दर्पण में ना निहारो,
ये रूप का समंदर दर्पण में ना समाएगा ।
तसवीर तेरे चेहरे की कया कोई बनाए,
इतने हसीन रंग वो आखिर कहाँ से लाएगा ।
ना जाने चेहरा तेरा किस रंग से बना होगा ….
साया जो तेरा पड़ जाए……………………………

अपनी नजर के तीर तुम ना इस कदर चलाओ,
हालत न बुरी हो जाए ऐसे में दीवाने की।
अपना सुहाना रूप तुम न इस कदर दिखाओ,
नजर कही न लग जाए इस बुरे जमाने की ।
परदे में तुझको अपना चेहरा ये ढाँकना होगा …..
साया जो तेरा पड़ जाए……………………………

अपने बदन की खुश्बू उपवन में ना बिखेरो,
फूलों को छोड़ भँवरे भी तुमपे ही मचलते हैं ।
लाखों दीवाने मरते हैं आपकी अदाओं पर,
और, तुम मरोगी हम पर ऐलान आज करते हैं ।
एक दिन ये तेरा हुश्न रानी मुझपे ही फना होगा…….
साया जो तेरा पड़ जाए……………………………

By : मुकेश कुमार पाण्डेय

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 404 Views
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