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2 Oct 2022 · 1 min read

सरस्वती वंदना (गीत)

सरस्वती वंदना (गीत)
________________________________
वर दो हमें हे शारदा, हो सर्वदा शुभ भावना
(1)
निष्काम हों सब कर्म अपने, मन न अभिमानी बने
एक रुपया-ईंट का कर अनुसरण दानी बने
छाए ह्रदय में लोकहित, अनुराग का जादू घना
(2)
जो मिले या न मिले, संतुष्टि भाव प्रधान हो
समभाव हो यदि राह में, काँटे मिलें या मान हो
जीवन हमारा माँ बने, सात्विक सहज आराधना
(3)
हम बनाऍं वह जगत, सबको सभी से प्यार हो
छोटे- बड़े का जन्म से-धन से नहीं आधार हो
संसार एक कुटुंब हो, अतिश्रेष्ठ जीवन-साधना
वर दो हमें हे शारदा, हो सर्वदा शुभ भावना
—————————–
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97615451

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