सब कुछ दुनिया का दुनिया में, जाना सबको छोड़।
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सब कुछ दुनिया का दुनिया में, जाना सबको छोड़।
फिर क्यों इतनी जान खपानी, फिर क्यों इतनी होड़ ?
साथ न तेरे कुछ जाएगा, काहे रखता जोड़ ?
धरम-करम कुछ कर ले बंदे, लोभ-मोह-मद छोड़।
© सीमा अग्रवाल