सत्साहित्य कहा जाता है ज्ञानराशि का संचित कोष।
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सत्साहित्य कहा जाता है ज्ञानराशि का संचित कोष।
जो हममें भरता रहता है नव्य प्रेरणा नूतन जोश।।
सत्यं शिवं सुन्दरं को ही कहते हैं हम सत्साहित्य ,
सतत अध्ययन अनुशीलन से दूर भगाएँ अपने दोष।।
© महेश चन्द्र त्रिपाठी