सच्चाई ~
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सच्चाई ~
व्यक्ति से परिवार बनता है, परिवार से समाज बनता है, समाज से राष्ट्र बनता है। मगर जब व्यक्ति में पारिवारिक, सामाजिक व राष्ट्रीय सूझबूझ नहीं होगी तो इन सबका ध्वस्त होना सुनिश्चित है।
दिनेश एल० “जैहिंद”
सच्चाई ~
व्यक्ति से परिवार बनता है, परिवार से समाज बनता है, समाज से राष्ट्र बनता है। मगर जब व्यक्ति में पारिवारिक, सामाजिक व राष्ट्रीय सूझबूझ नहीं होगी तो इन सबका ध्वस्त होना सुनिश्चित है।
दिनेश एल० “जैहिंद”