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24 Feb 2023 · 1 min read

शोर जब-जब उठा इस हृदय में प्रिये !

शोर जब-जब उठा इस हृदय में प्रिये !
नीर नयना स्वत: ही बहाने लगे ।
दृश्य जब-जब प्रणय के हुए प्राणमय,
गीत में फिर तुम्हें गुनगुनाने लगे ।

✍️ अरविन्द त्रिवेदी
उन्नाव उ० प्र०

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