तुम्हीं रस्ता तुम्हीं मंज़िल
*जीवन का आधारभूत सच, जाना-पहचाना है (हिंदी गजल)*
Be with someone you can call "home".
"नाना पाटेकर का डायलॉग सच होता दिख रहा है"
प्रेम पत्र बचाने के शब्द-व्यापारी
मातृभूमि
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कभी वो कसम दिला कर खिलाया करती हैं
बड़े बुजुर्गों ,माता पिता का सम्मान ,
हर क्षण आनंद की परम अनुभूतियों से गुजर रहा हूँ।
शायरी
Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661
यहां कश्मीर है केदार है गंगा की माया है।
*** मुंह लटकाए क्यों खड़ा है ***
प्रो. दलजीत कुमार बने पर्यावरण के प्रहरी