शिक्षक (कुंडलिया )
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शिक्षक (कुंडलिया )
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असली मालिक देश का , बच्चों का भगवान
शिक्षक के सोचो जरा, हैं कितने अहसान
हैं कितने अहसान, वास्तविक भाग्य-विधाता
जैसा शिक्षक आज , देश कल वह बन जाता
कहते रवि कविराय , हटाता दुख की बदली
शिक्षक जिम्मेदार , देश का धन है असली
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999 7615451