वैर भाव नहीं रखिये कभी
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वैर भाव नहीं रखिये कभी
कहीं गांठ नहीं पड़ जाए
फटे दूध मथने पर भी कभी
मक्खन नहीं निकल पाए
पारस नाथ झा
वैर भाव नहीं रखिये कभी
कहीं गांठ नहीं पड़ जाए
फटे दूध मथने पर भी कभी
मक्खन नहीं निकल पाए
पारस नाथ झा