Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Sep 2022 · 1 min read

विश्वास की मंजिल

अब तो रुक ही गये,
अपनी मंजिल की छाँव में,
सुकून मिला है अब जाकर,
मिल ही गया ठहराव जब।

खुशी का एहसास जो उठा,
कितने संघर्षों के पश्चात् अब,
खोजने को मंजिल अपनी,
रुका नहीं दिन रात जब।

सुनाई जाएंगी अब सफलता की कहानी,
जिनकी कश्ती बह रही बीच मझदार में,
हौंसला न टूटे उनका भी अब,
जिन्होने संकल्प लिया है करेंगे पार तट।

सपनो की मंजिल हकीकत में है सामने,
वो हकीकत ही था खोज लिया विश्वास से,
असफलता और सफलता की विश्वास है कड़ी,
डूबना और पार पा लेना जीवन की है लड़ी।

रचनाकार –
✍🏼✍🏼
बुद्ध प्रकाश
मौदहा हमीरपुर।

4 Likes · 2 Comments · 116 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

Books from Buddha Prakash

You may also like:
वास्तविक ख़तरा किसे है?
वास्तविक ख़तरा किसे है?
Shekhar Chandra Mitra
[28/03, 17:02] Dr.Rambali Mishra: *पाप का घड़ा फूटता है (दोह
[28/03, 17:02] Dr.Rambali Mishra: *पाप का घड़ा फूटता है (दोह
Rambali Mishra
अनुभव के आधार पर, पहले थी पहचान
अनुभव के आधार पर, पहले थी पहचान
Dr Archana Gupta
वक्त
वक्त
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*नेता सदा जवान 【कुंडलिया】*
*नेता सदा जवान 【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
देर तक मैंने
देर तक मैंने
Dr fauzia Naseem shad
मैथिली भाषाक मुक्तक / शायरी
मैथिली भाषाक मुक्तक / शायरी
Binit Thakur (विनीत ठाकुर)
लंगोटिया यारी
लंगोटिया यारी
Sandeep Pande
नवदुर्गा का महागौरी स्वरूप
नवदुर्गा का महागौरी स्वरूप
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
चंद दोहे नारी पर...
चंद दोहे नारी पर...
डॉ.सीमा अग्रवाल
Khud ke khalish ko bharne ka
Khud ke khalish ko bharne ka
Sakshi Tripathi
उसे तो देख के ही दिल मेरा बहकता है।
उसे तो देख के ही दिल मेरा बहकता है।
सत्य कुमार प्रेमी
बसहा चलल आब संसद भवन
बसहा चलल आब संसद भवन
मनोज कर्ण
तेरे बिन
तेरे बिन
Kamal Deependra Singh
"तस्वीर"
Dr. Kishan tandon kranti
उज्जयिनी (उज्जैन) नरेश चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य
उज्जयिनी (उज्जैन) नरेश चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य
Pravesh Shinde
रात है यह काली
रात है यह काली
जगदीश लववंशी
रात्रि पहर की छुटपुट चोरी होते सुखद सबेरे थे।
रात्रि पहर की छुटपुट चोरी होते सुखद सबेरे थे।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
जब जब तुम्हे भुलाया
जब जब तुम्हे भुलाया
Bodhisatva kastooriya
"मेरा गलत फैसला"
Dr Meenu Poonia
आशीर्वाद
आशीर्वाद
डॉ प्रवीण ठाकुर
स्वागत है नवजात भतीजे
स्वागत है नवजात भतीजे
Pooja srijan
उनसे बिछड़ कर ना जाने फिर कहां मिले
उनसे बिछड़ कर ना जाने फिर कहां मिले
श्याम सिंह बिष्ट
हवाओं का मिज़ाज जो पहले था वही रहा
हवाओं का मिज़ाज जो पहले था वही रहा
Maroof aalam
कामयाबी
कामयाबी
DR ARUN KUMAR SHASTRI
चातक तो कहता रहा, बस अम्बर से आस।
चातक तो कहता रहा, बस अम्बर से आस।
सूर्यकांत द्विवेदी
फ़ेहरिस्त रक़ीबों की, लिखे रहते हो हाथों में,
फ़ेहरिस्त रक़ीबों की, लिखे रहते हो हाथों में,
Shreedhar
" सौग़ात " - गीत
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
🌺उनकी जुस्तजू का पाबंद हूँ मैं🌺
🌺उनकी जुस्तजू का पाबंद हूँ मैं🌺
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
ग़लत समय पर
ग़लत समय पर
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...