विचार
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विचार
आवश्यकताओं को जितना कम किया जा सकता है उतना कम करने से जीवन सुखमय हो जाता है l उसी तरह जितने कम संसाधनों में जीवन गुज़रता है उतना ही सुखमय जीवन का हर पल होता है l इसलिए व्यर्थ के संसाधनों पर खर्च ना करके उस पैसे का सही दिशा में इस्तेमाल करके दूसरों का जीवन भी सुखमय बनाया जा सकता है l
अनिल कुमार गुप्ता अंजुम