Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Feb 2017 · 1 min read

वसंत ऋतु…………

वसंत ऋतु —-
वसंत ऋतु जब आये
पुष्प पुष्प मुस्काये
पीतांबरी में वसुंधरा
देख गगन भी हर्षाये
ये ॠतु मधुमास कहाये।
*
आम में मंजरी आये
महुआ मादकता फैलाये
कूके कोयल बैठ डाली
मीठी-मीठी तान सुनाये
ये ॠतु मधुमास कहाये।
*
तितलियाँ फूलों पर मंडराये
स्वर विहंगों के संगीत सुनाये
प्रेम से ओतप्रोत लगे वसुधा
वसंत इसे प्रेममय कर जाये
ये ॠतु मधुमास कहाये।
*
बहे बयार जैसे मल्हार गाये
पेड़-पौधे झूम-झूम लहराये
समेट रहे रवि अपनी उष्मा
वो भी सबका साथ निभाये
ये ॠतु मधुमास कहाये।
*
वसंत ऋतु सतरंगी बनजाये
ये राग-द्वेष दूर भगाने आये
सीख ले गर मानव इससे तो
द्वेष भाव स्वत: दूर हो जाये
ये ॠतु मधुमास कहाये।
@पूनम झा।कोटा, राजस्थान 03-02-17
##################

Language: Hindi
Tag: कविता
1 Like · 371 Views

Books from पूनम झा 'प्रथमा'

You may also like:
किसने तेरा साथ दिया है
किसने तेरा साथ दिया है
gurudeenverma198
आज की प्रस्तुति: भाग 6
आज की प्रस्तुति: भाग 6
Rajeev Dutta
मंजिल
मंजिल
Soni Gupta
दिल में आने लगे हैं
दिल में आने लगे हैं
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
नगर से दूर......
नगर से दूर......
Kavita Chouhan
■ कविता / सैन्य शक्ति को सलाम
■ कविता / सैन्य शक्ति को सलाम
*Author प्रणय प्रभात*
आस्था और भक्ति की तुलना बेकार है ।
आस्था और भक्ति की तुलना बेकार है ।
Seema Verma
आदित्य हृदय स्त्रोत
आदित्य हृदय स्त्रोत
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
आज कोई नही अनजान,
आज कोई नही अनजान,
pravin sharma
अंतरिक्ष
अंतरिक्ष
Saraswati Bajpai
Learn lesson and enjoy every moment, your past is just a cha
Learn lesson and enjoy every moment, your past is just...
Nupur Pathak
इंडिया में का बा ?
इंडिया में का बा ?
Shekhar Chandra Mitra
आईना सच अगर दिखाता है
आईना सच अगर दिखाता है
Dr fauzia Naseem shad
अज्ञात के प्रति-1
अज्ञात के प्रति-1
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
বন কেটে ফেলা হচ্ছে
বন কেটে ফেলা হচ্ছে
Sakhawat Jisan
कारण मेरा भोलापन
कारण मेरा भोलापन
Satish Srijan
दोहा
दोहा
नवल किशोर सिंह
अति
अति
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
✍️कभी मिटे ना पाँव के वजूद
✍️कभी मिटे ना पाँव के वजूद
'अशांत' शेखर
*
*"शबरी"*
Shashi kala vyas
कब मरा रावण
कब मरा रावण
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
वक्त
वक्त
Shyam Sundar Subramanian
चाय सिर्फ चीनी और चायपत्ती का मेल नहीं
चाय सिर्फ चीनी और चायपत्ती का मेल नहीं
Charu Mitra
मेरी निंदिया तेरे सपने ...
मेरी निंदिया तेरे सपने ...
Pakhi Jain
सुभाष चंद्र बोस जयंती
सुभाष चंद्र बोस जयंती
Ram Krishan Rastogi
घर से निकले मगर दहलीज पार ना हुई
घर से निकले मगर दहलीज पार ना हुई
कवि दीपक बवेजा
चंद्र प्रकाश द्वय:ः मधुर यादें
चंद्र प्रकाश द्वय:ः मधुर यादें
Ravi Prakash
राष्ट्र जाति-धर्म से उपर
राष्ट्र जाति-धर्म से उपर
Nafa Singh kadhian
मकर संक्रांति पर्व
मकर संक्रांति पर्व
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
मजदूर।
मजदूर।
Anil Mishra Prahari
Loading...