लेके फिर अवतार ,आओ प्रिय गिरिधर।
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लेके फिर अवतार ,आओ प्रिय गिरिधर।
ग्वाल- बाल लेके संग, करो हुड़दंग जी।।
श्याम रंग मन मोहे,माथे पे मुकुट सोहे।
और क्या बताऊँ तोहे,साँवरा सु-अंग जी।।
नयन विशाल कारे,वैजयंती माल धारे ।
सरयु किनारे श्याम,बैठे राधा संग जी।।
रास रंग में विभोर,उठती हिया हिलोर।
नाच रहा मन मोर,मन में उमंग जी।।
मोहन मुरारी मन मोहत मुरलिया रे!
कामिनी कुमारी लली,देखे होके दंग जी।।
धा-धा-धिन!तीन ताल!यशोदा का नंदलाल।
राग छेड़ता धमाल, बाजे ढोल चंग जी।।
नीलम शर्मा ✍️