Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Sep 2016 · 1 min read

रूह

रूह एक दिन बदन से निकल जायेगी
बस यूँ ही तकदीर सभल जायेगी

किरण आसमा बन लपट जलं जायेगी
नीचे वालों की क्यूं याद कल जायेगी

नदियाँ बह चट्टान में बदल जायेगी
हिमालय की गोद फिर छल जायेगी

जेहन मे छुपी चाह यूँ ही टल जायेगी
जब तेरी पोल फिर से खुल जायेगी

खामोशियाँ कुछ कह उछल जायेगी
हिचकियाँ जब तलक मचल जायेगी

एक दिन खुदा की खुदाई चल जायेगी
जब वह तुझे फिर से मिल जायेगी

यूँ आस फिर मिलन की मधु पल जायेगी
जब हवा जमाने की फिर बहल जायेगी

डा मधु त्रिवेदी

Language: Hindi
73 Likes · 515 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

Books from DR.MDHU TRIVEDI

You may also like:
डा० अरुण कुमार शास्त्री
डा० अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आव्हान
आव्हान
Shyam Sundar Subramanian
ख़त पहुंचे भगतसिंह को
ख़त पहुंचे भगतसिंह को
Shekhar Chandra Mitra
खुशी और गम
खुशी और गम
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
"आखिरी इंसान"
Dr. Kishan tandon kranti
प्रेम
प्रेम
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
पंचशील गीत
पंचशील गीत
Buddha Prakash
तेरी तसवीर को आज शाम,
तेरी तसवीर को आज शाम,
Nitin
जिये
जिये
विजय कुमार नामदेव
चैन से जी पाते नहीं,ख्वाबों को ढोते-ढोते
चैन से जी पाते नहीं,ख्वाबों को ढोते-ढोते
मनोज कर्ण
"ओस की बूंद"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
*आओ गाओ गीत बंधु, मधु फागुन आया है (गीत)*
*आओ गाओ गीत बंधु, मधु फागुन आया है (गीत)*
Ravi Prakash
🌹⚘2220.
🌹⚘2220.
Dr.Khedu Bharti
■ यादों की खिड़की-
■ यादों की खिड़की-
*Author प्रणय प्रभात*
सर्वंश दानी
सर्वंश दानी
Satish Srijan
यहाँ पर सब की
यहाँ पर सब की
Dr fauzia Naseem shad
गैंगवार में हो गया, टिल्लू जी का खेल
गैंगवार में हो गया, टिल्लू जी का खेल
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
बाबूजी।
बाबूजी।
Anil Mishra Prahari
गुरु
गुरु
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
💐प्रेम कौतुक-461💐
💐प्रेम कौतुक-461💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हम तो कवि है
हम तो कवि है
नन्दलाल सुथार "राही"
प्रेम
प्रेम
विमला महरिया मौज
सारा रा रा
सारा रा रा
Sanjay
जब किसी बज़्म तेरी बात आई ।
जब किसी बज़्म तेरी बात आई ।
Neelam Sharma
छू लेगा बुलंदी को तेरा वजूद अगर तुझमे जिंदा है
छू लेगा बुलंदी को तेरा वजूद अगर तुझमे जिंदा है
'अशांत' शेखर
" खामोशी "
Aarti sirsat
ऑनलाइन पढ़ाई
ऑनलाइन पढ़ाई
Rajni kapoor
*सुख या खुशी*
*सुख या खुशी*
Shashi kala vyas
राम काज में निरत निरंतर
राम काज में निरत निरंतर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
फूलों की तरह मुस्कराते रहिए जनाब
फूलों की तरह मुस्कराते रहिए जनाब
shabina. Naaz
Loading...