Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Mar 2017 · 1 min read

रंग बिरंगी होली आई

रंग बिरंगी होली आई

इठलाती बलखाती आई
रंग बिरंगी होली आई
रंगों की फुहार उड़ा कर
घर घर दस्तक देती जाती
होली आई होली आई
धूम धूम मचाती होली आई
भर-भर रंग पिचकारी मारो
रंगों से सब को रंग डालो
अबीर गुलाल की छटा निराली
निरखत मन हरषाने वाली
होली आई होली आई

Language: Hindi
Tag: कविता
1 Like · 384 Views

Books from Dr. Chitra Gupta

You may also like:
अपना घर
अपना घर
Shyam Sundar Subramanian
"आंखरी ख़त"
Lohit Tamta
फुलों कि  भी क्या  नसीब है साहब,
फुलों कि भी क्या नसीब है साहब,
Radha jha
दूरियों में नजर आयी थी दुनियां बड़ी हसीन..
दूरियों में नजर आयी थी दुनियां बड़ी हसीन..
'अशांत' शेखर
मुस्कुराना चाहता हूं।
मुस्कुराना चाहता हूं।
Abhishek Pandey Abhi
दोहे
दोहे
सत्य कुमार प्रेमी
सुखिया मर गया सुख से
सुखिया मर गया सुख से
Shekhar Chandra Mitra
दर्द अपना है तो तकलीफ़ भी अपनी होगी
दर्द अपना है तो तकलीफ़ भी अपनी होगी
Dr fauzia Naseem shad
मुक़द्दर क्या है अपना फर्क नहीं पड़ता,
मुक़द्दर क्या है अपना फर्क नहीं पड़ता,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
मेरे तुम
मेरे तुम
अंजनीत निज्जर
छत्रपति शिवाजी महाराज की समुद्री लड़ाई
छत्रपति शिवाजी महाराज की समुद्री लड़ाई
Pravesh Shinde
तेरी बाहों के घेरे
तेरी बाहों के घेरे
VINOD KUMAR CHAUHAN
प्रणय 2
प्रणय 2
Ankita Patel
गुजरते हुए उस गली से
गुजरते हुए उस गली से
Surinder blackpen
सुरनदी_को_त्याग_पोखर_में_नहाने_जा_रहे_हैं......!!
सुरनदी_को_त्याग_पोखर_में_नहाने_जा_रहे_हैं......!!
संजीव शुक्ल 'सचिन'
देता मगर न वोट , अश्रु से रोता नेता (हास्य कुंडलिया)
देता मगर न वोट , अश्रु से रोता नेता (हास्य...
Ravi Prakash
⚘️महाशिवरात्रि मेरे लेख🌿
⚘️महाशिवरात्रि मेरे लेख🌿
Ankit Halke jha
लड़खड़ाने से न डर
लड़खड़ाने से न डर
Satish Srijan
आंधियां अपने उफान पर है
आंधियां अपने उफान पर है
कवि दीपक बवेजा
गाथा हिन्दी की
गाथा हिन्दी की
तरुण सिंह पवार
"सेवानिवृत कर्मचारी या व्यक्ति"
Dr Meenu Poonia
किस्मत ने जो कुछ दिया,करो उसे स्वीकार
किस्मत ने जो कुछ दिया,करो उसे स्वीकार
Dr Archana Gupta
■ राम कथा
■ राम कथा
*Author प्रणय प्रभात*
मैं उसी पल मर जाऊंगा
मैं उसी पल मर जाऊंगा
श्याम सिंह बिष्ट
जो रूठ गए तुमसे, तो क्या मना पाओगे, ज़ख्मों पर हमारे मरहम लगा पाओगे?
जो रूठ गए तुमसे, तो क्या मना पाओगे, ज़ख्मों पर...
Manisha Manjari
सर्दी
सर्दी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बाल कहानी- चतुर और स्वार्थी लोमड़ी
बाल कहानी- चतुर और स्वार्थी लोमड़ी
SHAMA PARVEEN
💐प्रेम कौतुक-231💐
💐प्रेम कौतुक-231💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Hello Sun!
Hello Sun!
Buddha Prakash
जितना आवश्यक है बस उतना ही
जितना आवश्यक है बस उतना ही
पंकज कुमार शर्मा 'प्रखर'
Loading...