Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Feb 2017 · 1 min read

यह उस औरत की लाश है..

यह उस औरत की लाश है
यह उस औरत की लाश है…!

जिसने सबको जन्म दिया
गहरी पीड़ा में बहकर,
मंद हुई ना ममता जिसकी
अगिनत तकलीफ़े सहकर!
रक्षाबंधन पर बांधा
जिसने उम्मीद के धागे,
वही अभागन अबला पड़ गई
शैतान-दरिंदों के आगे!
झोंक दिया तेरे आगे ख़ुदको
छोड़ शर्म के गहने,
फिर क्यों लाखों बार चढ़े
सूली पर उसके सपने!
दौलत की ख़ातिर करता
तू जिसका उपहास है,
यह उस औरत की लाश है
यह उस औरत की लाश है…!!

Language: Hindi
1 Like · 356 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

इतनी भी
इतनी भी
Santosh Shrivastava
समंदर में नदी की तरह ये मिलने नहीं जाता
समंदर में नदी की तरह ये मिलने नहीं जाता
Johnny Ahmed 'क़ैस'
वैदिक विवाह
वैदिक विवाह
Dr. Vaishali Verma
करवा चौथ पर एक गीत
करवा चौथ पर एक गीत
मधुसूदन गौतम
मैं और मेरी कामयाबी ...
मैं और मेरी कामयाबी ...
ओनिका सेतिया 'अनु '
दुनियाँ की भीड़ में।
दुनियाँ की भीड़ में।
Taj Mohammad
💐मैं हूँ तुम्हारी मन्नतों में💐
💐मैं हूँ तुम्हारी मन्नतों में💐
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"यादों के उजाले"
Dr. Kishan tandon kranti
श्रीराम चाहिए
श्रीराम चाहिए
Ashok Sharma
सुकर्मों से मिलती है
सुकर्मों से मिलती है
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
"दीप जले"
Shashi kala vyas
जरूरी नहीं की हर जख़्म खंजर ही दे
जरूरी नहीं की हर जख़्म खंजर ही दे
Gouri tiwari
प्यार है लोकसभा का चुनाव नही है
प्यार है लोकसभा का चुनाव नही है
Harinarayan Tanha
दोहे
दोहे
seema sharma
यूं टूट कर बिखरी पड़ी थी तन्हाईयां मेरी,
यूं टूट कर बिखरी पड़ी थी तन्हाईयां मेरी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
★भारतीय किसान★
★भारतीय किसान★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
माँ
माँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कविता के मीत प्रवासी- से
कविता के मीत प्रवासी- से
प्रो०लक्ष्मीकांत शर्मा
इतना दिन बाद मिले हो।
इतना दिन बाद मिले हो।
Rj Anand Prajapati
गरीबी एक रोग
गरीबी एक रोग
Sunny kumar kabira
ग़ज़ल _ मुसाफ़िर ज़िंदगी उसकी , सफ़र में हर घड़ी होगी ,
ग़ज़ल _ मुसाफ़िर ज़िंदगी उसकी , सफ़र में हर घड़ी होगी ,
Neelofar Khan
4854.*पूर्णिका*
4854.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
😊प्रणम्य😊
😊प्रणम्य😊
*प्रणय*
*अध्याय 4*
*अध्याय 4*
Ravi Prakash
क्या हो, अगर कोई साथी न हो?
क्या हो, अगर कोई साथी न हो?
Vansh Agarwal
आंखे सुनने लग गई, लगे देखने कान ।
आंखे सुनने लग गई, लगे देखने कान ।
RAMESH SHARMA
मंथरा
मंथरा
Dr Archana Gupta
काकाको यक्ष प्रश्न ( #नेपाली_भाषा)
काकाको यक्ष प्रश्न ( #नेपाली_भाषा)
NEWS AROUND (SAPTARI,PHAKIRA, NEPAL)
मुक्तक
मुक्तक
sushil sarna
एक जिन्दगी ही तो थी जो मेरी थी।
एक जिन्दगी ही तो थी जो मेरी थी।
अश्विनी (विप्र)
Loading...