Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Mar 2017 · 1 min read

मै गुनहगार हो गया हूँ – अजय कुमार मल्लाह

समझ के खिलौना तोड़ा दिल, अब मै बेकार हो गया हूँ,
सज़ा मोहब्बत की मिल रही है, मै गुनहगार हो गया हूँ।,

हर सितम शौक से सहने को, मै तैयार हो गया हूँ,
सज़ा मोहब्बत की मिल रही है, मै गुनहगार हो गया हूँ।

किसी के अरमां जलाए हैं, किसी के सपने तोड़े हैं,
जिनमें लिखी थी मेरी तक़दीर, मैंने वो हाथ छोड़े हैं,
जो ज़ख्म दिल पे लगते हैं, उनका दावेदार हो गया हूँ,
सज़ा मोहब्बत की मिल रही है, मै गुनहगार हो गया हूँ।

कसमें वफ़ा की खाईं थी, जिन्हें अब निभा नहीं सकता,
तेरे एहसान ओ मेरी जान, मै कभी चुका नहीं सकता,
तेरी बेवफाई का मै भी, अब हक़दार हो गया हूँ,
सज़ा मोहब्बत की मिल रही है, मै गुनहगार हो गया हूँ।

अब तो ख़ामोश हैं खुशियाँ, ग़मों से बात करता हूँ,
कि तु खुश रहे सदा, ये दुआ दिन-रात करता हूँ,
“करुणा” समझ के तेरी बात, मै समझदार हो गया हूँ,
सज़ा मोहब्बत की मिल रही है, मै गुनहगार हो गया हूँ।

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 176 Views
You may also like:
✍️अरमानों की ख्वाईश
✍️अरमानों की ख्वाईश
'अशांत' शेखर
हम बिहार छी।
हम बिहार छी।
Acharya Rama Nand Mandal
*जिंदगी की जंग लड़ पाया न, कायर हो गया (हिंदी गजल/गीतिका)*
*जिंदगी की जंग लड़ पाया न, कायर हो गया (हिंदी...
Ravi Prakash
#अतिथि_कब_जाओगे??
#अतिथि_कब_जाओगे??
संजीव शुक्ल 'सचिन'
मिला हमें  माँ  सा  नज़राना
मिला हमें माँ सा नज़राना
Dr Archana Gupta
रात के अंधेरों से सीखा हूं मैं ।
रात के अंधेरों से सीखा हूं मैं ।
★ IPS KAMAL THAKUR ★
हिंदी
हिंदी
Satish Srijan
बारिश का मौसम
बारिश का मौसम
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
युग बीते और आज भी ,
युग बीते और आज भी ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
विचारमंच भाग -3
विचारमंच भाग -3
Rohit Kaushik
ख्वाहिशें आँगन की मिट्टी में, दम तोड़ती हुई सी सो गयी, दरार पड़ी दीवारों की ईंटें भी चोरी हो गयीं।
ख्वाहिशें आँगन की मिट्टी में, दम तोड़ती हुई सी सो...
Manisha Manjari
बाहों में तेरे
बाहों में तेरे
Ashish Kumar
एक पंछी
एक पंछी
Shiv kumar Barman
जय माता दी 🙏
जय माता दी 🙏
Anil Mishra Prahari
सरकारी नौकरी
सरकारी नौकरी
Sushil chauhan
महंगाई के मार
महंगाई के मार
Shekhar Chandra Mitra
Unki julfo ki ghata bhi  shadid takat rakhti h
Unki julfo ki ghata bhi shadid takat rakhti h
Sakshi Tripathi
आप मे आपका नहीं कुछ भी
आप मे आपका नहीं कुछ भी
Dr fauzia Naseem shad
ठोकरे इतनी खाई है हमने,
ठोकरे इतनी खाई है हमने,
कवि दीपक बवेजा
■ आज का मुक्तक
■ आज का मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
होगा बढ़िया व्यापार
होगा बढ़िया व्यापार
Buddha Prakash
फंस गया हूं तेरी जुल्फों के चक्रव्यूह मैं
फंस गया हूं तेरी जुल्फों के चक्रव्यूह मैं
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
आस्तीक भाग-आठ
आस्तीक भाग-आठ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
💐प्रेम कौतुक-261💐
💐प्रेम कौतुक-261💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
#राम-राम जी..👏👏
#राम-राम जी..👏👏
आर.एस. 'प्रीतम'
मंगलवत्थू छंद (रोली छंद ) और विधाएँ
मंगलवत्थू छंद (रोली छंद ) और विधाएँ
Subhash Singhai
गाछ (लोकमैथिली हाइकु)
गाछ (लोकमैथिली हाइकु)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
हर बार ही ख्याल तेरा।
हर बार ही ख्याल तेरा।
Taj Mohammad
बाल कविता हिन्दी वर्णमाला
बाल कविता हिन्दी वर्णमाला
Ram Krishan Rastogi
पिता
पिता
अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’
Loading...