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9 Oct 2022 · 1 min read

मैं तुमसे प्रेम करती हूँ

मैं तुमसे प्रेम करती हूँ

मैं तुमसे प्रेम करती हूँ

तुम्हारे लिये सँवरती हूँ

प्रियतम मेरी श्वास तुम्हारे लिये

सपने नित नये बुनती हूँ

न आता नजर तुम्हारे सिवा

दिल में तुम्हे बसाये बैठी हूँ

बहती प्रेम सरीता ह्रदय की

तुम्हें समर्पित करती हूँ

नयनो में काजल लगाया

बालों में गजरा सजाया

गिन गिन कर क्षण सारे बीते

जोड ली मेरे मन ने प्रीते

बैठी मिलन की आस लगाये

मन को मेरे अब कुछ न भाये

सखियाँ करती मुझ पर ताने

हँसती है छिपकर अंजाने

हो गयी मैं सबसे पराई

राह ये कैसी तुमने भरमाई

नजरे बिछाकर प्रतिदिन ही

प्रतीक्षा तुम्हारी करती हूँ।

Language: Hindi
5 Likes · 144 Views
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