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8 Dec 2022 · 1 min read

मेरे हृदय में तुम

मेरे हदय में तुम

मेरी हर साँस में नित
इक मधुर संगीत
आनंद अपरिचित

नसों में रूधिर बन
अविरल सा बहता
प्रेम शीतल मृदुल

गूँजता उर में इक
कर्णप्रिय वो संगीत
आलोक कोई तिमिर
को बिखेर देता दूर

निंद्रा के सूने निलय
में स्वर्ण स्वप्न सा बन
मधुरिमा सा अलक्षित

मृग मरीचिका मन
करता अनुसरण
संग मधुर स्मृतियाँ
इक स्नेहिल गमन।।

Language: Hindi
Tag: Humour, प्रेम
1 Like · 54 Views
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