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7 Mar 2017 · 1 min read

!!!! मेरे शब्द–बड़ों के संस्कार !!!!!

आनन्द तो पथरीले राह में
चलने से मिलता है
सुगमता की राह पर तो
हर कोई चलता है….

गिर कर अगर न उठे
तो क्या फायदा
गिरते को अगर नहीं
उठाया तो इंसान होने का क्या फायदा

कोशिश कभी नाकामयाब
नहीं हुआ करती
तुम जीते जी क्यूं मर रहे हो
हिम्मत से आगे बढ़ो मंजिल जरूर मिलेगी

राह में रोड़ा तो हर कोई
अटका देता है
मजा तो तब है, कि रास्ते के
पत्थर को उठा के राह सुगम बनाओ…

प्यासे को पानी हर कोई पिला देता
है, कभी घर के बाहर
कुत्ते, पशु , पक्षी के पानी पिने
का जरीया बनाओ, शान्ति मिलेगी आपको…

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
Tag: कविता
278 Views

Books from गायक और लेखक अजीत कुमार तलवार

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