मेरे देश के युवाओं तुम

मेरे देश के युवाओं तुम।
आँखों में ऐसे स्वप्न भरों।।
यह भारत बने विश्वगुरु।
मन में ऐसा संकल्प करों।।
मेरे देश के युवाओं—————–।।
चेहरे पर निराशा नहीं रखों।
मुसीबत से घबराओ नहीं।।
नहीं ऐसे उदासी दिखलाओ।
गमों में खुद को जलाओ नहीं।।
संघर्ष ही तो जीवन है।
ऐसे ना दुःखों से तुम डरों।।
मेरे देश के युवाओं—————–।।
तुमको पुकारे भारत माँ।
साकार करों इसके सपनें।।
खुशियों से भरों इसकी झोली।
सिर इसका नहीं दो झुकने।।
इसको गर्व हो तुमपे बहुत।
ऐसे युग का निर्माण करों।।
मेरे देश के युवाओं——————–।।
निद्रा त्यागो तुम यह अपनी।
अपने कर्त्तव्य पथ पर बढ़ो।।
नहीं काँटों से हिम्मत हारो।
अपनी मंजिल पर आगे बढ़ो।।
अहसान बहुत है देश के।
कुर्बान इसकी रक्षा में करों।।
मेरे देश के युवाओं——————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)