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22 Mar 2017 · 1 min read

मुहब्बत किस कद्र बदनाम हुई

ना पूछो यारो मुहब्बत किस कद्र बदनाम हुई
फ़ज़ीहत इसकी आजकल जमाने में आम हुई
जिस्म के भूखे है जो दरिंदे वो प्रेम क्या जाने
सुबह को मिले, शाम तक काम तमाम हुई !!
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डी के. निवातिया

Language: Hindi
Tag: मुक्तक
498 Views

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