मुझे कल्पनाओं से हटाकर मेरा नाता सच्चाई से जोड़ता है,
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मुझे कल्पनाओं से हटाकर मेरा नाता सच्चाई से जोड़ता है,
बड़ा बेरहम सा है मुझपे रहम करने वाला,
मैं हर रोज़ उम्मीद बंधाती हुँ वो हर रोज़ उम्मीद तोड़ता है।
मुझे कल्पनाओं से हटाकर मेरा नाता सच्चाई से जोड़ता है,
बड़ा बेरहम सा है मुझपे रहम करने वाला,
मैं हर रोज़ उम्मीद बंधाती हुँ वो हर रोज़ उम्मीद तोड़ता है।