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8 Nov 2016 · 1 min read

मुक्तक

दर्द के फूल पिरो कर प्रीत डोर में ।
टाँक यादों के मोती ओर- छोर में ।
यूँ गुँथी पवित्र बंधन की माला,
फैलाती सुगंध प्रिय चहुँ ओर में ।

Language: Hindi
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