* मुक्तक *
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* मुक्तक *
खिल रहे हैं फूल हम भी मुस्कुराएं।
पांखुरी सुन्दर अधर पर भी सजाएं।
बह रही शीतल हवा तन को सुहाती।
स्नेह के पल साथ में मिल कर बिताएं।
~~~~~~~~~~~~
– सुरेन्द्रपाल वैद्य
* मुक्तक *
खिल रहे हैं फूल हम भी मुस्कुराएं।
पांखुरी सुन्दर अधर पर भी सजाएं।
बह रही शीतल हवा तन को सुहाती।
स्नेह के पल साथ में मिल कर बिताएं।
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– सुरेन्द्रपाल वैद्य