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10 Feb 2017 · 1 min read

मुक्तक

आज मैं यादों को भुलाने चला हूँ!
आज मैं जख्मों को मिटाने चला हूँ!
दर्द छुप गये हैं खामोशी के तले,
आज मैं महफिले-मयखाने चला हूँ!

#महादेव_की_कविताऐं'(21)

Language: Hindi
Tag: मुक्तक
300 Views
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