मिस्टर जी आजाद

एक निबन्ध, निबद्ध , एन अनटोल्ड स्टोरी,
बेरागी, निर्मोही और अवर्णीय,
मिस्टर जी आजाद।
अनिरुद्ध बहता बेखबर एक प्रपात,
एक रहस्यमयी सूरत,मूर्धन्य एक नाद,
एक नारा और एक क्रांति,
मिस्टर जी आजाद।
हवा का एक झौंका, एक तुफ़ान,
एक तिलिस्मी चिराग, एक कायनात,
उन्मुक्त और स्वच्छंद एक विहंग,
मिस्टर जी आजाद।
बेदाग,बेकर्ज, बेबाक,
पारदर्शी और स्वच्छ एक आईना,
एक बुलन्दी और एक निर्मल आकाश,
मिस्टर जी आजाद।
स्वावलंबी, स्वाभिमानी एक हस्ती,
कम भोजन और कम दौलत,
निष्कामी और कर्त्तव्यनिष्ठ ईमानदार,
मिस्टर जी आजाद।
खुद के दम पर जिंदा एक अस्तित्व,
बावफ़ा एक प्रेमी,
शहंशाह मुमताज का,
एक वतनफरोश और चिरागे-जिंदगी,
मिस्टर जी आजाद।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)