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1 Nov 2022 · 1 min read

मिलना है तुमसे

जैसे घुल जाती है हवा
मौसम में
मिल जाती हैं
असंख्य लहरें
सागर में..
अनकहे!
बस वैसे ही
मिलना है मुझे
तुमसे एक बार!
हॅंसना है तुम्हारे
मीठे अधरों पर
रूककर..
छूना है तुम्हारे
स्निग्ध भावों को..
करना है नृत्य
झूमते हुए,
घटाओं की तरह!
उलझना है
तुम्हारी सोचों की
पलकों से
हाॅं! बस एक बार..
मिलना है तुमसे!
कभी न बिछड़ने के लिए!

स्वरचित
रश्मि लहर

Language: Hindi
Tag: कविता
1 Like · 1 Comment · 91 Views
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