Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Apr 2017 · 1 min read

मित्रता का बीज

मित्रता का बीज
दो क्यारियों में
एक ही वेग से उगता है,
और एक ही
वसंत में खिलता है।
मित्र में कौन छोटा ?
कौन बड़ा ?
यह प्रश् न?
अर्थशून्य रहता है।
-लक्ष्मी सिंह

399 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
कौन बता
कौन बता
Dr fauzia Naseem shad
भारत का चाँद…
भारत का चाँद…
Anand Kumar
एक महान सती थी “पद्मिनी”
एक महान सती थी “पद्मिनी”
पंकज कुमार शर्मा 'प्रखर'
मैं माँ हूँ
मैं माँ हूँ
Arti Bhadauria
अंतर्द्वंद्व
अंतर्द्वंद्व
मनोज कर्ण
शेर
शेर
Monika Verma
प्यार करोगे तो तकलीफ मिलेगी
प्यार करोगे तो तकलीफ मिलेगी
Harminder Kaur
इश्क का भी आज़ार होता है।
इश्क का भी आज़ार होता है।
सत्य कुमार प्रेमी
पढ़ने की रंगीन कला / MUSAFIR BAITHA
पढ़ने की रंगीन कला / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
"एक अत्याचार"
पंकज कुमार कर्ण
" मटको चिड़िया "
Dr Meenu Poonia
नसीब
नसीब
DR ARUN KUMAR SHASTRI
पैसों का खेल
पैसों का खेल
AMRESH KUMAR VERMA
मंज़िल का पता है न ज़माने की खबर है।
मंज़िल का पता है न ज़माने की खबर है।
Phool gufran
मैं चाहती हूँ
मैं चाहती हूँ
ruby kumari
एक बार फिर ।
एक बार फिर ।
Dhriti Mishra
दोस्त का प्यार जैसे माँ की ममता
दोस्त का प्यार जैसे माँ की ममता
प्रदीप कुमार गुप्ता
पर्यावरण
पर्यावरण
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
कोई पूछे की ग़म है क्या?
कोई पूछे की ग़म है क्या?
Ranjana Verma
होली आयी होली आयी
होली आयी होली आयी
Rita Singh
-- माता पिता --
-- माता पिता --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
वो आए थे।
वो आए थे।
Taj Mohammad
✍️✍️रंग✍️✍️
✍️✍️रंग✍️✍️
'अशांत' शेखर
"दीपावाली का फटाका"
Radhakishan R. Mundhra
#मुझे_गर्व_है
#मुझे_गर्व_है
*Author प्रणय प्रभात*
सिलसिले साँसों के भी थकने लगे थे, बेजुबां लबों को, रूह की खामोशी में थरथराना था।
सिलसिले साँसों के भी थकने लगे थे, बेजुबां लबों को, रूह की खामोशी में थरथराना था।
Manisha Manjari
ऐ मौत
ऐ मौत
Ashwani Kumar Jaiswal
काश!
काश!
Rashmi Sanjay
दोहा
दोहा
Dushyant Baba
सच ज़िंदगी और जीवन में अंतर हैं
सच ज़िंदगी और जीवन में अंतर हैं
Neeraj Agarwal
Loading...