* मिट जाएंगे फासले *
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** मुक्तक **
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मिट जाएंगे फासले, करते रहे प्रयास।
आज बहुत जो दूर हैं, आ जाएंगे पास।
समय बदल जाता यहां, रहता नहीं समान।
जीवन हो खुशियों भरा, छोड़ें कभी न आस।
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पुल बनाएं फासले मिट जाएंगे।
दूर हैं जो पास अपने आएंगे।
प्यार की बातें बहुत होंती रहेंगी।
जब निकट हम प्यार अपना पाएंगे।
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सब कष्टों को सहज ही, हम लेते जब झेल।
अंतराल रहता नहीं, हो जाता है मेल।
फर्क न रहता है जहां, होती खुलकर बात।
तब जीवन हरपल हमें, लगता प्रियकर खेल।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य, ०४/०४/२०२४