*माहेश्वर तिवारी जी: शत-शत नमन (कुंडलिया)*
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माहेश्वर तिवारी जी: शत-शत नमन (कुंडलिया)
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गाते थे नवगीत ज्यों, पक्षी करे विहार
माहेश्वर जी रच गए, मृदु रचना-संसार
मृदु रचना-संसार, मुरादाबाद बसाया
पीतल का था लोक, स्वर्ण-जैसा चमकाया
कहते रवि कविराय, युगों में ऋषि यों आते
भीतर से संगीत, फूटता जो वह गाते
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451