*माता-पिता (दोहा मुक्तक)*
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/8dcff9b2bb1e65b6fc20575d4802a846_7468551695f734f12e71bfff6afe2724_600.jpg)
माता-पिता (दोहा मुक्तक)
_________________________
जननी कोई कह रहा, होती श्रेष्ठ महान
जनक किसी को लग रहा, है भगवान-समान
ऋणी सदा से है मनुज, करता पुण्य प्रणाम
पिता और माता सभी, होते दयानिधान
_________________________
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451