Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Nov 2022 · 1 min read

मां

देखने को आईना जब भी उठाया मैंने
मां का अक्स उभरकर फिर नज़र आया आईने में

नहीं मिलता साथ मां जैसा जहान में
चाहे खरीद लो हर चीज शौहरत के गुमान में।
~ Silent Eyes

“गुलज़ार हो जाती है ये ज़िंदगी, जब मां की दुआ साथ हो।”

4 Likes · 81 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ये आरजू फिर से दिल में जागी है
ये आरजू फिर से दिल में जागी है
shabina. Naaz
उसकी एक नजर
उसकी एक नजर
Sahil
परिवार, प्यार, पढ़ाई का इतना टेंशन छाया है,
परिवार, प्यार, पढ़ाई का इतना टेंशन छाया है,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तिरंगे के तीन रंग , हैं हमारी शान
तिरंगे के तीन रंग , हैं हमारी शान
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"मित्र से वार्ता"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
जीवन एक सफर है, इसे अपने अंतिम रुप में सुंदर बनाने का जिम्मे
जीवन एक सफर है, इसे अपने अंतिम रुप में सुंदर बनाने का जिम्मे
Sidhartha Mishra
★उसकी यादों का साया★
★उसकी यादों का साया★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
बचपन
बचपन
लक्ष्मी सिंह
मेरे हिसाब से सरकार को
मेरे हिसाब से सरकार को
*Author प्रणय प्रभात*
मीठे बोल या मीठा जहर
मीठे बोल या मीठा जहर
विजय कुमार अग्रवाल
हमनें मांगी कहां दुआ कोई
हमनें मांगी कहां दुआ कोई
Dr fauzia Naseem shad
जैसे जैसे उम्र गुज़रे / ज़िन्दगी का रंग उतरे
जैसे जैसे उम्र गुज़रे / ज़िन्दगी का रंग उतरे
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Sometimes you have to
Sometimes you have to
Prachi Verma
[पुनर्जन्म एक ध्रुव सत्य] अध्याय 6
[पुनर्जन्म एक ध्रुव सत्य] अध्याय 6
Pravesh Shinde
जिंदगी में गम ना हो तो क्या जिंदगी
जिंदगी में गम ना हो तो क्या जिंदगी
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
डिगरी नाहीं देखाएंगे
डिगरी नाहीं देखाएंगे
Shekhar Chandra Mitra
हर मौसम में हर मौसम का हाल बताना ठीक नहीं है
हर मौसम में हर मौसम का हाल बताना ठीक नहीं है
कवि दीपक बवेजा
बढ़ चुकी दुश्वारियों से
बढ़ चुकी दुश्वारियों से
Rashmi Sanjay
मंजिल के राही
मंजिल के राही
Rahul yadav
💐अज्ञात के प्रति-56💐
💐अज्ञात के प्रति-56💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कौन सोचता बोलो तुम ही...
कौन सोचता बोलो तुम ही...
डॉ.सीमा अग्रवाल
*दोहा*
*दोहा*
Ravi Prakash
महाशिवरात्रि
महाशिवरात्रि
Ram Babu Mandal
कहा तुमने कभी देखो प्रेम  तुमसे ही है जाना
कहा तुमने कभी देखो प्रेम तुमसे ही है जाना
Ranjana Verma
हे प्रभू !
हे प्रभू !
Shivkumar Bilagrami
Kirdare to bahut nibhai ,
Kirdare to bahut nibhai ,
Sakshi Tripathi
कुर्सी के दावेदार
कुर्सी के दावेदार
Shyam Sundar Subramanian
ਅੱਜ ਮੇਰੇ ਲਫਜ਼ ਚੁੱਪ ਨੇ
ਅੱਜ ਮੇਰੇ ਲਫਜ਼ ਚੁੱਪ ਨੇ
rekha mohan
ग़ज़ल -
ग़ज़ल -
Mahendra Narayan
Loading...