माँ में दोस्त मिल जाती है बिना ढूंढे ही
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/92cdcdfb0f22b17ed0d8400495191e0b_586ef5a8986d0f4c57c455f0640169e0_600.jpg)
माँ में दोस्त मिल जाती है बिना ढूंढे ही
जो ऐसा व्यवहार करती है हद से ज्यादा प्यार
उससे भी ज्यादा परवाह करती है।।
दोस्तों में भी माँ मिल जाती है कभी-कभी
जो डाँटते है गुस्सा होते हैं साथ में हँसते हैं पर साथ रोते नहीं
वो रोते देखकर कहते हैं ..ये चल न कहीं घूम कर आते हैं
तेरे फेवरेट हीरो की मूवी आयी है चल तुझको दिखाते हैं
माँ दोस्त होती है ,दोस्त “माँ” से हो जाते हैं कभी-कभी
Ruby kumari