Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Nov 2022 · 1 min read

महाराणा

महाकाल ज्यों जटा खोल टूटा हो अरि पर,
त्यों राणा की चंद्रहास गरजी बैरी पर।
बज उठी दुंदुभी और साथ रणभेरी बोले,
वीरों का देख समर मही अंबर डोले।
जब चढ़ा अश्व लेकर छलांग हाथी पर ,
तब दिखा मुगल को काल स्वयं छाती पर।
बीच समर में कैसा अद्भुत दृश्य बना,
हाथी की छाती पर कैसे अश्व तना।
जब राणा ने चीरा मुग़ल तुरंग समेत,
लश्कर का लश्कर ही पूरा हुआ अचेत।
सहम गये रण मे अकबर के सैनानी,
दोधारी तलवार चली उतरा सब पानी।
जिसके भाले की नोक खून का भोग लगाएं,
ऐसे प्रलयंकर महाकाल से कौन बचाए।
शूर साहसी वीर बांकुरा क्या क्या बोलूं,
स्वयं काल है कैसे रण का कौशल तोलूं।
कट गये शीश धड़ लड़े मृत्यु भी दूर खड़ी थी,
साहस की अमर कहानी समर में शीष झड़ी थी।
✍️ दशरथ रांकावत ‘शक्ति’

2 Likes · 2 Comments · 83 Views
Join our official announcements group on Whatsapp & get all the major updates from Sahityapedia directly on Whatsapp.
You may also like:
वो मुझ को
वो मुझ को "दिल" " ज़िगर" "जान" सब बोलती है मुर्शद
Vishal babu (vishu)
हमारा प्रेम
हमारा प्रेम
अंजनीत निज्जर
नैनों की भाषा
नैनों की भाषा
Surya Barman
Tumhari khubsurat akho ne ham par kya asar kiya,
Tumhari khubsurat akho ne ham par kya asar kiya,
Sakshi Tripathi
" सुर्ख़ गुलाब "
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
अबीर ओ गुलाल में अब प्रेम की वो मस्ती नहीं मिलती,
अबीर ओ गुलाल में अब प्रेम की वो मस्ती नहीं मिलती,
Er Sanjay Shrivastava
कौन पढ़ता है मेरी लम्बी -लम्बी लेखों को ?..कितनों ने तो अपनी
कौन पढ़ता है मेरी लम्बी -लम्बी लेखों को ?..कितनों ने तो अपनी
DrLakshman Jha Parimal
मैं ऐसा नही चाहता
मैं ऐसा नही चाहता
Rohit yadav
ग़ज़ल - ख़्वाब मेरा
ग़ज़ल - ख़्वाब मेरा
Mahendra Narayan
एक पेड़ ही तो है जो सभी प्राणियो को छाँव देता है,
एक पेड़ ही तो है जो सभी प्राणियो को छाँव देता है,
Shubham Pandey (S P)
बिहार का जालियांवाला बाग - तारापुर
बिहार का जालियांवाला बाग - तारापुर
विक्रम कुमार
जो जी में आए कहें, बोलें बोल कुबोल।
जो जी में आए कहें, बोलें बोल कुबोल।
डॉ.सीमा अग्रवाल
खूब उड़ रही तितलियां
खूब उड़ रही तितलियां
surenderpal vaidya
देखा है जब से तुमको
देखा है जब से तुमको
Ram Krishan Rastogi
■आज पता चला■
■आज पता चला■
*Author प्रणय प्रभात*
*मुकदमा  (कुंडलिया)*
*मुकदमा (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
जेंडर जस्टिस
जेंडर जस्टिस
Shekhar Chandra Mitra
सफलता और सुख  का मापदण्ड स्वयं निर्धारित करनांआवश्यक है वरना
सफलता और सुख का मापदण्ड स्वयं निर्धारित करनांआवश्यक है वरना
Leena Anand
" आशिकी "
Dr. Kishan tandon kranti
यहां कोई बेरोजगार नहीं हर कोई अपना पक्ष मजबूत करने में लगा ह
यहां कोई बेरोजगार नहीं हर कोई अपना पक्ष मजबूत करने में लगा ह
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
आश भरी ऑखें
आश भरी ऑखें
Jeewan Singh
ऐसी ही है मेरी मोहब्बत
ऐसी ही है मेरी मोहब्बत
gurudeenverma198
पिता बनाम बाप
पिता बनाम बाप
Sandeep Pande
जो भी आ जाएंगे निशाने में।
जो भी आ जाएंगे निशाने में।
सत्य कुमार प्रेमी
....प्यार की सुवास....
....प्यार की सुवास....
Awadhesh Kumar Singh
मकर पर्व स्नान दान का
मकर पर्व स्नान दान का
Dr. Sunita Singh
अगर कोई आपको मोहरा बना कर,अपना उल्लू सीधा कर रहा है तो समझ ल
अगर कोई आपको मोहरा बना कर,अपना उल्लू सीधा कर रहा है तो समझ ल
विमला महरिया मौज
कभी उगता हुआ तारा रोशनी बांट लेता है
कभी उगता हुआ तारा रोशनी बांट लेता है
कवि दीपक बवेजा
सिद्धार्थ से वह 'बुद्ध' बने...
सिद्धार्थ से वह 'बुद्ध' बने...
Buddha Prakash
💐प्रेम कौतुक-276💐
💐प्रेम कौतुक-276💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Loading...