मत पूछो हमसे हिज्र की हर रात हमने गुजारी कैसे है..!
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मत पूछो हमसे हिज्र की हर रात हमने गुजारी कैसे है..!
रो रोकर आयी जो लाली आंखों में वो उतारी कैसे है..
दिल में है दर्द बड़ा लबों पर मुस्कान है यारो
ना जाने फिर भी
उस बेवफा की हम पर इतनी खुमारी कैसे है!!