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25 Jan 2017 · 1 min read

मत तोड़ो मत तोड़ो

मत तोड़ो मत तोड़ो हिन्दू मुस्लिम को जोड़ो
भाई भाई को जोड़ो मिलकर भारत जय बोलो
जिसने बोई है हिंसा अब ढूँढ़ो ऐसे गद्दारों को
लहू बहाए मासूमों का फेंको उन तलवारों को
बंगाल विभाजन देखा हमने पाकिस्तान भी देखा है
सरहद की लड़ाई में वीरो को कुर्वानी देते देखा है
हिरोसिमा सब भूल गये फिर हथियारों की दौड़ लगी
हाइड्रोजन परमाणु विनासक आज बमों होड़ लगी
अरुणाचल लद्धाख सियाचिन का मसला सुलझाओ
शीत युद्ध के चक्रवात में भारत को मत उलझाओ
पहले अंग्रेजों से त्रस्त थे अब अपनों से ही त्रस्त हैं
देशद्रोह में जेल भेज दो जिनको न तिरंगा भाता हो
नाश करो तत्वों को जिनसे संप्रभुता को खतरा हो
लाल, हरे,पीले झंडो को अपने घर के भीतर रख्खो
द्वितीय स्वतंत्रा है लानी संबिधान को घर रख्खो
चाणक्य, रामानुजन, सुभाष भी तुम ही हो
अपने भीतर के अद्भुत मानव को पहचानो भी
न्याय, समता का जहां ऐसा गणतन्त्र बनाएँगे
सारी दुनिया को फिर शांति पाठ हम पढ़ाएंगे
– साहिल वर्मा

Language: Hindi
Tag: कविता
1 Comment · 263 Views
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