Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jan 2017 · 2 min read

मतदान

मतदान

दुःखड़ा जो रोते फिरते तुम ।
कि हो गया कहाँ विकास गुम ।।
कि योजनाएँ तो बहुत चली ।
कागजों में ही रहीं भली ।।
कि आज भी मेरे शहर में ।
रात हो या दोपहर में ।।
बढ़ा जुर्म और अत्याचार ।
बढ़ी चोरी बढ़ा व्यभिचार ।।
बढ़ा गुंडों का व्यापार ।
बढ़ गया भ्रष्टाचार ।।
तो तुम्हारे पास अब भी है ।
मतदान का अधिकार ।।
जाना अब तुम मतदान करने ।
अपनी समस्याओं का निदान करने ।।
सौदा न करना वोट का नोट से ।
न भरना घाव, दूसरी चोट से ।।
देना उसे ही अपना मत,
जो तुम्हें अपने रहते, रोने न दे ।
तुम्हारी खुशियों को खोने न दे ।।
योजनाओं को दे जो पूर्ण आकार ।
करे तुम्हारे सपने साकार,
तुम्हें दे तुम्हारे अधिकार ।।
रोओ न बस तुम दुखड़ा ।
करो मतदान की ओर मुखड़ा ।।
अपने अधिकार का सदुपयोग करो ।
मत, ले, दे कर, बिन रोग मरो ।।
जो न गये मतदान करने तुम ।
तुम्हारे आँसू भी हो जाएंगे गुम ।।
या तुमने नोट ले, बुरे नेता को दिया वोट ।
चार दिन का सुख पा फिर खाओगे चोट ।।
ना कोसो सरकार को, जब दिया नहीं तुमने वोट ।
मतदान करने न गये तुम , तो तुम में ही खोट ।।
अब तुम जाओ मतदान करने ।
अपनी समस्याओं का निदान करने ।।
जुझारू, ईमानदार और कर्मठ नेता को देना तुम वोट ।
कैसे नेता ईमानदार मिले, जब तुम नोट गिन, दो वोट ।।
यदि तुम विकास चाहते, न चाहते हो
योजनाओं में खोट ।
तो ईमानदारी से मतदान करो, न लेकर के नोट ।।

वो लोग भी कहने लगते कि नेता भ्रष्ट है ।
जिन्होंने खुद पैसे ले, दबाव में वोट दिया ,
और कुछ जो मतदान करने ही न गए थे ,
ऐसे लोगों से ही तो प्रजातंत्र को कष्ट है ।।

– नवीन कुमार जैन

Language: Hindi
1 Like · 353 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

*अभिनंदन उनका करें, जो हैं पलटूमार (हास्य कुंडलिया)*
*अभिनंदन उनका करें, जो हैं पलटूमार (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मेरी हर अध्याय तुमसे ही
मेरी हर अध्याय तुमसे ही
Krishna Manshi (Manju Lata Mersa)
प्राण वायु
प्राण वायु
Kanchan verma
*दिल का आदाब ले जाना*
*दिल का आदाब ले जाना*
sudhir kumar
.......अधूरी........
.......अधूरी........
Naushaba Suriya
डिप्रेशन का माप
डिप्रेशन का माप
Dr. Kishan tandon kranti
रात बसर की मैंने जिस जिस शहर में,
रात बसर की मैंने जिस जिस शहर में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
गजल
गजल
Santosh kumar Miri
🙅आज का दोहा🙅
🙅आज का दोहा🙅
*प्रणय प्रभात*
चिड़िया
चिड़िया
Kanchan Khanna
वक्त रुकता नहीं कभी भी ठहरकर,
वक्त रुकता नहीं कभी भी ठहरकर,
manjula chauhan
जब काँटों में फूल उगा देखा
जब काँटों में फूल उगा देखा
VINOD CHAUHAN
राम मंदिर की सुंदरता
राम मंदिर की सुंदरता
Rahul Singh
कहतें हैं.. बंधनों के कई रूप होते हैं... सात फेरों का बंधन,
कहतें हैं.. बंधनों के कई रूप होते हैं... सात फेरों का बंधन,
पूर्वार्थ
उजले कारों से उतर फूलों पर चलते हों
उजले कारों से उतर फूलों पर चलते हों
Keshav kishor Kumar
यूँ धीरे-धीरे दूर सब होते चले गये।
यूँ धीरे-धीरे दूर सब होते चले गये।
लक्ष्मी सिंह
माता शारदा
माता शारदा
Rambali Mishra
ध्रुव तारा
ध्रुव तारा
Bodhisatva kastooriya
उनको अब हमसे प्यार नहीं रहा
उनको अब हमसे प्यार नहीं रहा
Jyoti Roshni
मैं विवेक शून्य हूँ
मैं विवेक शून्य हूँ
संजय कुमार संजू
ख़ुमार है
ख़ुमार है
Dr fauzia Naseem shad
*प्रेम का दर्शनशास्त्र (Philosophy of Love)*
*प्रेम का दर्शनशास्त्र (Philosophy of Love)*
Acharya Shilak Ram
जीतोगे एक दिन तुम भी
जीतोगे एक दिन तुम भी
Saurabh Kumar
एक ज़माना ...
एक ज़माना ...
Nitesh Shah
उस झरोखे को बंद करें, जो आपको पीड़ा देता है, बाहर का दृश्य च
उस झरोखे को बंद करें, जो आपको पीड़ा देता है, बाहर का दृश्य च
इशरत हिदायत ख़ान
समाचार
समाचार
Mukesh Kumar Rishi Verma
शीर्षक: बाबुल का आंगन
शीर्षक: बाबुल का आंगन
Harminder Kaur
इच्छाओं से दूर खारे पानी की तलहटी में समाना है मुझे।
इच्छाओं से दूर खारे पानी की तलहटी में समाना है मुझे।
Manisha Manjari
चोरी जिसका काव्य हो ,
चोरी जिसका काव्य हो ,
sushil sarna
नई बातें
नई बातें
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
Loading...