मंजिल की उड़ान
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मंजिल को प्राप्त करने में
हजारों उद्विग्नता आएगी
जो मात दिया विपत्ति को
उसी को मिलती अभ्युदय
मंजिल की इस उड़ान में ।
मंजिल को पाने की चाह ही
आपको ज़द तक ले जाएगी
पतन का जो किया सामना
उसी को मिलती सार्थकता
मंजिल की इस उड़ान में ।
मानुज तो मंजिल बदल देते
अटक, दुर्ग्राह्यता को देखके
इन कक्लिष्टता से लड़ा जो
उसी को मिलती है ख्याति
मंजिल की इस उड़ान में ।
एक – एक सही पग आपको
आपके गम्य तक ले जाएगी
जो धेय से किया सतत द्वंद
उसी को मिलती सफलता
मंजिल की इस उड़ान में ।
अमरेश कुमार वर्मा
जवाहर नवोदय विद्यालय बेगूसराय बिहार