तेरी तस्वीर को लफ़्ज़ों से संवारा मैंने ।
रंगमंच कलाकार तुलेंद्र यादव जीवन परिचय
सबको सम्मान दो ,प्यार का पैगाम दो ,पारदर्शिता भूलना नहीं
जिसने शौक को दफ़्नाकर अपने आप से समझौता किया है। वह इंसान इस
देखिए लोग धोखा गलत इंसान से खाते हैं
मैं ज़िंदगी के सफर मे बंजारा हो गया हूँ
मोहब्बत मुकम्मल हो ये ज़रूरी तो नहीं...!!!!
इक्कीसवीं सदी के सपने... / MUSAFIR BAITHA
जो लगती है इसमें वो लागत नहीं है।
बाल कविता: जंगल का बाज़ार