भज ले भजन
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भज ले , भजन कर ले अरे प्राणी ,
जीवन निश्चय ही तेरा संवार जायेगा ,
नाम ले ले अरे अपने प्रभु का तुम ,
कल आज और कल सुधर जाएगा ।
भज ले, भजन कर ले अरे प्राणी,
तू जिसका है, उसका हो जायेगा ,
जो तेरा है, तेरा ही हो जायगा ,
और कही नहीं कभी वह जायेगा ।
पाप कटेगा , अरे पुण्य भी बढ़ेगा ,
पुरुष से तुम पुरुषोत्तम बन जायेगा,
स्त्री की मर्यादा संवर्धित हो जायेगी,
मोक्ष भी तुम्हे एकदिन मिल जायेगा ।
श्रवण कर लें, जतन व लगन कर ले
तुम्हें मन चाहा , एकदिन मिल जायेगा
भज ले, भजन कर ले अरे प्राणी
जीवन निश्चय तेरा संवर ही जायेगा ।
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@ मौलिक रचना घनश्याम पोद्दार
मुंगेर