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14 Jul 2022 · 1 min read

‘बेवजह’

मिलना तो था तुम से..
पर कैसे कहूँ…
कहीं तुम ये न पूछ बैठो…
किस लिए?
क्या कहेंगे… हम को भी
नहीं पता।।
काम तो कुछ नहीं.. पर यों ही
मिलना था..
क्या हर बार मिलने की कोई वजह ही हो ये जरूरी है क्या?
कभी-कभी बेवजह मिलना भी
सुकून दे जाता है..और
यही तो वो दौलत है..जिसे
ढूँढते हुए ताउम्र गुजर जाती है
पर क्या तुम मिलना चाहोगे??हमसे बेवजह…
-Gn

Language: Hindi
Tag: मुक्तक
1 Like · 1 Comment · 137 Views
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