बेटियों को पढ़ाओ
बेटियों को पढाओ
बेटियों को पढ़ने का मौका दे दो,
सुनहरी बगियाँ को एक कलम स्याही का पौधा दे दो।।
छोटा सा बस्ता और ज्ञान गंगा दे दो,
बेटियों को अपनी स्कूलों में दाखिला दे दो।।।।।।
घर और चूल्हें को बाजू में रख दो,
बेटियों को आसमाँ में उड़ने का अवसर दे दो।।।
बेटियां रखतीं है हरदम माता पिता का ख़्याल,
इनके चेहरे पर एक हसीं गुलाब दे दो।।।।।
नही आज की दुनिया मे बेटियां किसी से कम,
उनको भी अपने विश्वास का आशीष दे दो।।।।
कोख़ में मारकर बेटियों को ऐसा घिनोना पाप न करो,
उनकों भी अपने हिस्से की जिंदगी जीने को दे दो।।।
रचनाकार
गायत्री सोनू जैन