बिहनन्हा के हल्का सा घाम कुछ याद दीलाथे ,
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बिहनन्हा के हल्का सा घाम कुछ याद दीलाथे ,
हर महकती से ख़ुशबू एक जादू सा आश जगाथे।
कतका भी ब्यस्त रईही ये जिन्दगी ,
त भो ले बिहानन्हा बिहनन्हा अपन मन के याद आ ही जाथे।।
Good morning
कृष्ण कुमार अनंत
बिहनन्हा के हल्का सा घाम कुछ याद दीलाथे ,
हर महकती से ख़ुशबू एक जादू सा आश जगाथे।
कतका भी ब्यस्त रईही ये जिन्दगी ,
त भो ले बिहानन्हा बिहनन्हा अपन मन के याद आ ही जाथे।।
Good morning
कृष्ण कुमार अनंत