फिर क्युं कहते हैं लोग
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फिर क्युं कहते हैं लोग
बुरा हूं मैं,
‘पर कोई बुराई नजर नहीं आती मुझेमें’ कहते हैं लोग।
धुला नहीं मैं दूध का,
‘कोई बुराई नहीं है मुझमें’ फिर क्युं कहते हैं लोग?
अच्छा हूं मैं,
‘पर कोई अच्छाई नजर नहीं आती मुझमें’ कहते हैं लोग।
दिल भी मेरा सोने का,
‘कोई अच्छाई नहीं है मुझमें’, फिर क्युं कहते हैं लोग?
#seematuhaina