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28 Mar 2017 · 1 min read

प्रेम भावना

बजाकर हाँथों की चूड़ी अब हृदय से रूबरू हो गया कोई।
ह्रदय के इस कोने कोने में बेला जेसा महँका गया कोई।
अभी तक ह्रदय की तप्ती जमी पर प्रेम की एक बूँद न वर्षी
उसी बजंर ह्रदय पर प्रेम की कुछ बूँदें मधुर बरसा गया कोई।

***धीरेन्द्र***

Language: Hindi
Tag: मुक्तक
315 Views

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