Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Apr 2020 · 1 min read

प्रीत का है, द्वार खोला l

प्रीत का है, द्वार खोला l
है, लाल गुलाब कबूला ll

प्यास, अबके जमाने में l
प्रीत, पानी का बुलबुला ll

अरविन्द व्यास “प्यास”

Language: Hindi
Tag: मुक्तक
1 Like · 195 Views
You may also like:
इधर उधर न देख तू
इधर उधर न देख तू
Shivkumar Bilagrami
"प्यासा"मत घबराइए ,
Vijay kumar Pandey
यह क्या किया तुमने
यह क्या किया तुमने
gurudeenverma198
हौलनाक चीखें
हौलनाक चीखें
Shekhar Chandra Mitra
*कहो बंधु क्या जेल हो गई (हिंदी गजल/गीतिका)*
*कहो बंधु क्या जेल हो गई (हिंदी गजल/गीतिका)*
Ravi Prakash
तुम्हारे  रंग  में  हम  खुद  को  रंग  डालेंगे
तुम्हारे रंग में हम खुद को रंग डालेंगे
shabina. Naaz
"फागुन गीत..2023"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मैंने रोक रखा है चांद
मैंने रोक रखा है चांद
Surinder blackpen
एक अलग सी दीवाली
एक अलग सी दीवाली
Rashmi Sanjay
तुम हक़ीक़त में
तुम हक़ीक़त में
Dr fauzia Naseem shad
Tum makhmal me palte ho ,
Tum makhmal me palte ho ,
Sakshi Tripathi
अन्नदाता किसान कैसे हो
अन्नदाता किसान कैसे हो
नूरफातिमा खातून नूरी
Kabhi kabhi
Kabhi kabhi
Vandana maurya
*,मकर संक्रांति*
*,मकर संक्रांति*
Shashi kala vyas
मुस्कुराहट
मुस्कुराहट
SZUBAIR KHAN KHAN
✍️ 'कामयाबी' के लिए...
✍️ 'कामयाबी' के लिए...
'अशांत' शेखर
परवरिश करने वाले को एहसास है ,
परवरिश करने वाले को एहसास है ,
Buddha Prakash
मृदुल कीर्ति जी का गद्यकोष एव वैचारिक ऊर्जा
मृदुल कीर्ति जी का गद्यकोष एव वैचारिक ऊर्जा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
అభివృద్ధి చెందిన లోకం
అభివృద్ధి చెందిన లోకం
विजय कुमार 'विजय'
चल पड़ते हैं कभी रुके हुए कारवाँ, उम्मीदों का साथ पाकर, अश्क़ बरस जाते हैं खामोशी से, बारिशों में जैसे घुलकर।
चल पड़ते हैं कभी रुके हुए कारवाँ, उम्मीदों का साथ...
Manisha Manjari
किसान पर दोहे
किसान पर दोहे
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
💐 Prodigy Love-33💐
💐 Prodigy Love-33💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मौसम
मौसम
Surya Barman
आसान नहीं होता
आसान नहीं होता
Rohit Kaushik
जब सिस्टम ही चोर हो गया
जब सिस्टम ही चोर हो गया
आकाश महेशपुरी
संत साईं बाबा
संत साईं बाबा
Pravesh Shinde
वो_हमे_हम उन्हें_ याद _आते _रहेंगे
वो_हमे_हम उन्हें_ याद _आते _रहेंगे
कृष्णकांत गुर्जर
समय को दोष देते हो....!
समय को दोष देते हो....!
Dr. Pratibha Mahi
मीठी-मीठी माँ / (नवगीत)
मीठी-मीठी माँ / (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
पहला प्यार
पहला प्यार
Pratibha Kumari
Loading...