* प्रभु राम के *
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** गीतिका **
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उठा राम का जन के मन में, भक्तिभाव शुभ ज्वार।
प्रभु राम के हृदय में जागा, भक्तों के हित प्यार।
राम आ गये अवधपुरी में, नैसर्गिक है दृश्य।
कभी भक्ति की देखो निष्फल, होती नहीं पुकार।
मर्यादा की जन्मभूमि पर, हुआ भव्य निर्माण।
श्रद्धा से नतमस्तक होकर, देख रहा संसार।
कोटि कोटि भक्तों ने बढ़कर, दिए बहुत बलिदान।
तभी सनातन विरोधियों की, हुई करारी हार।
मिला हमें है देख लीजिए, प्रभु का शुभ आशीष।
और हुआ मजबूत बहुत ही, भक्तिभाव आधार।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य