प्यारी माँ (कविता)
जुग -जुग जियो हमारी प्यारी माँ ,
जब तक हैं आसमां में चाँद -सितारे .
आपकी ममता का आँचल सर पर रहे ,
जिस तरह आसमां की छत्र-छाया सब,
प्राणियों के सर पर सदा के लिए रहे .
आपके स्नेह-आशीष की वर्षा नित -नित ,
वर्षा की तरह हम पर सदा बरसती रहे.
वर्षा से ही पल्लवित /पुष्पित रहे विभिन्न पुष्प
एवं वृक्ष ज्यों .
हम भी माता ! आपसे ही आनंद पायें
प्रसन्नता पायें सदा .
जन्म पाया आपसे ,
तो जीवन भी हमारा आप ही हो ,
आपके सानिध्य में जीवन की
हर ख़ुशी /सफलता सार्थक है सदा .
भले ही हम बड़े हो गए ,मगर
आप के तो अब भी बच्चे ही है न माँ !
जैसे प्रकृति की गोद में रहते है
समस्त जड़ चेतन ,
हमें भी जीवन -संघर्ष से मुक्ति
आपकी गोद में आकर मिलती रहे .
ईश्वर से प्रार्थना है सदा यही ,
की आप दीर्घायु हो ,स्वस्थ हों.
आपके कदमों में ज़माने की हर ख़ुशी रख दें ,
कर सकें वोह सब प्रयत्न ,जो आपकी प्रसन्नता के लिए हो .
बस हमारी तो एक ही चाहत ,एक ही है अरमां ,
हमारी माँ का साथ हमारे जीवन में बना रहे .