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2 Dec 2022 · 1 min read

पिनाका

शिव धनु मोह प्रिय बहु,
जो तोड़े सो वध होए
विनम्र भाव से देखे रामा,
जब रामा ललकार रहोए

मुझसा पापी कोई ना होए,
जिसू कारण क्रोधित आप सो होए
दंड दीनू को दिजे प्रभु
जस निर्मल आप मन होए

सुनत राम की मधुर वाणी
परशु भए भाव विभोर
देखत जब शांत ह्रदय से
प्रत्यक्ष प्रकट कमलनयन होए।।

Language: Hindi
4 Likes · 2 Comments · 116 Views
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